गायन / ज़ब्ती / डबिंग आवड असणाऱ्यांसाठी
आवाज (स्वर) संस्कार और जैसा
ऑनलाइन कार्यशाल
मार्ग दर्शन: योगेश सोमण
अभिनेता, स्क्रिप्टराइटर, दिग्दर्शक
संकल्प: प्रा. क्षितिज पटकले
नियामक: विश्व मराठी परिषद, साहित्य सेतू

कुणासाठी अधिक उपयुक्त - खरतर सर्वांसाठी ...ज्यांना अभिनेता, गायक, डबिंग, रेडियो जॉकी, वक्ता, राजकीयनेता, वकील, राजकीय – सामाजिक कार्यकर्ते, ऐसे करिअर करायचे आहेत तसेच प्राध्यापक, शिक्षक, कीर्तनकार, प्रवचनकार, कलाकार, डॉक्टर, इ. सर्वांसाठी अतिशय संभव कार्यशाळा...
कलावधी
5 दिन - रोज 1 तास
दि: 14 ते 18 जुलै 202020_cc781901-4fbb35cbd-3वेळ: सायंकाळी 7 ते 8 वा
कार्यशाळेतील मधेल मुद्दे:
1) स्वर कुणाचा ? आवाज कशाला ?
2) आवाज हेच भांडवल
3) उत्तम आवाजाची गरज कोणाला ? कलाकार, वकील, नेते, इ. प्रथम
4) स्वर और पट्टी यांची ओळख
5) अभ्यास रियाज़, व्यायाम, संरक्षण और जैसे
6) आवाजमुळे करिअर संधी
॥ वसुधैव कुटुम्बकम् ॥
One World, One Family !
Induction Program on 16th October 2025.
Classes commence on 27th October 2025.
संस्कार भारतीय सभ्यता का एक अनूठा योगदान है, जिसे हजारों वर्षों के सफर और वैज्ञानिक अवलोकन एवं माप के माध्यम से विकसित किया गया है। संस्कार व्यक्ति के सुधार, परिवर्तन और परिष्कार की प्रक्रिया का परिणाम है। बेहतर करने की प्रक्रिया, बेहतर बनाने की प्रक्रिया, और श्रेष्ठता प्राप्त करने की प्रक्रिया को संस्कार की प्रक्रिया कहा जाता है। एक व्यक्ति का जीवन सुंदर, गौरवशाली और खुशियों से भरा होना चाहिए, और ऐसा ही पूरे ब्रह्मांड के प्रत्येक जीव के लिए अपेक्षित है।
भारत ने मनुष्य के लिए गर्भ से लेकर मृत्यु तक विभिन्न प्रकार के संस्कार विकसित किए हैं। समाज के कल्याण और सार्वजनिक मानसिकता को संतुलित करने के लिए व्यक्तिगत और सामाजिक संस्कार बहुत महत्वपूर्ण हैं। व्यवहारिक संस्कार सामाजिक शिष्टाचार और आचरण का विकास करते हैं। संस्कार संस्कृति और सभ्यता की नींव है। दुर्भाग्य से, आधुनिक विकसित दुनिया में संस्कारों की उचित शिक्षा और प्रशिक्षण की कमी है, जिसके कारण सामाजिक, प्रशासनिक, राजनीतिक और आर्थिक स्तर पर बड़ी चुनौतियाँ उत्पन्न हो रही हैं। छात्र इस कोर्स के माध्यम से संस्कार का मूलभूत ज्ञान प्राप्त करेंगे और इसके अनुप्रयोग के विभिन्न तरीकों और तकनीकों से सुसज्जित होंगे। वह समाज में संस्कार शिक्षक यानी संस्कृती शिक्षक के रूप में योगदान देने में सक्षम होंगे।
What's in the course?
Your Perception of Sanskar Will Never Be the Same – Click to Watch!
Hindu Sanskriti is the basis and foundation of Sanatan Vedic Hindu Dharma. It will tell us about the land, the people, climate, environment, lifestyle, influence of customs and traditions, religions and sects etc. It will narrate about the holy books and scripts, way of living i.e. Dharma, how people live together, what is the aim of life of the people, their spiritual and religious educational system, customs and traditions etc. Sanskriti tells us about skills and arts like dance, drama, craft, sculpture, painting, temple etc.
🌼आयु – कोई सीमा नहीं
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Hindu scripts and holy books.
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Characteristics and tenets of Sanatan Hindu Dharma
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Epics Ramayan, Mahabharat,
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Traditions, Festivals,
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Religious Gatherings like Kumbhamela,
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Pilgrimage Tradition - Char Dhaam, Shaktipeeth, Jyotirlinga,
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Lungar, Wari, Food habits,
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Life style, clothes and dress,
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Santan dnyan parampara, religious movements,
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Religious rituals and scripts,
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Folk traditions, folk music and folk dance,
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Four Ashram - Brhmacharya: Indriya Nighraha, Grihastha: Disciplined Indriya Sanyam, Vanaprastha: Paropkara, Samaj Sewa, Sanyasa: Salvation (Mukti, Moksha),
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Four Purushartha - Dharma, Artha, Kaam, Moksha
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Concept of Rutam and Brahmanda (Universe)
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Concept of Devata, Saguna and Nirguna, and Navavidha Bhakti
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Sects and Supradaya and Upasana Padhati
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Hindu Dharmic Lifestyle
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Concept of Spirituality and Divinity
मूल्यांकन और परीक्षण
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विषय के लिए 100 अंक
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लिखित परीक्षा - 60 अंक, असाइनमेंट - 20 अंक, मौखिक - 20 अंक
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प्रोजेक्ट - प्रबंध और प्रस्तुति
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उत्तीर्ण - प्रत्येक विषय में कमसे कम 40%
किसी भी पूछताछ के लिए संपर्क करें -
कॉल का समय : सोम - शनि - 10am to 8pm (Sunday Off)
प्रधान कार्यालय
(कॉल) विनायक: 8788243526
(कॉल) प्रो. तुषार: 9309545687
व्हाट्सएप: 7875191270 (कॉल) मो: 7875743405
कार्यालय पता:
622, जानकी रघुनाथ, पुलाची वाडी, जेड ब्रिज के पास, डेक्कन जिमखाना, पुणे - 411004 भारत
सोम - शनि - 10:30am to 7:30pm (Sunday Off)
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भीष्म स्कूल ऑफ इंडियन नॉलेज सिस्टीम के बारे में...
भीष्म स्कूल ऑफ इंडियन नॉलेज सिस्टीम, पुणे (BSIS) भारतीय ज्ञान प्रणाली (IKS), हिंदू अध्ययन और भारतीय अध्ययन के क्षेत्र में एक अग्रणी संस्था है। बीएसआईएस के प्रोग्राम्स IACDSC, USA द्वारा मान्यता प्राप्त हैं जो एक अंतरराष्ट्रीय मान्यता निकाय है। बीएसआईएस की साक्षी ट्रस्ट, हिंदू काउंसिल ऑफ ऑस्ट्रेलिया, धर्मश्री, विज्ञान भारती, विद्या भारती उच्च शिक्षा संस्थान, आईएचएआर - यूएसए और भारत आदि सहयोगी संस्था है। भीष्म स्कूल ऑफ इंडियन नॉलेज सिस्टीम विभिन्न स्कूलों के तहत सर्टिफिकेट, डिप्लोमा से लेकर पीएचडी, डी. लिट. तक अनेक प्रोग्राम्स चलाता है।
ज्ञान प्रणालियों की पूरी श्रृंखला वेदों, उपनिषदों से लेकर शास्त्र, दार्शनिक, वैज्ञानिक, तकनीकी और कलात्मक स्रोतों तक विभिन्न है। ज्ञान के विषयों और क्षेत्रों में तर्क, दर्शन, भाषा, प्रौद्योगिकी और शिल्प, राजनीति, अर्थशास्त्र और शासन, नैतिकता और समाजशास्त्रीय आदेश, वास्तुकला और इंजीनियरिंग, मूल विज्ञान, पृथ्वी विज्ञान, जैव विज्ञान, कविता और सौंदर्यशास्त्र, कानून और न्याय, व्याकरण, गणित और खगोल विज्ञान, छंद, कृषि, खनन, धातु विज्ञान, व्यापार और वाणिज्य, आयुर्वेद और योग, चिकित्सा और जीवन विज्ञान, भूगोल, सैन्य विज्ञान, हथियार, जहाज निर्माण और नौकानयन परंपराएं, जीव विज्ञान और पशु चिकित्सा विज्ञान, आदि शामिल हैं। प्रमुख ज्ञान परंपरा १४ विद्याओंका - सैद्धांतिक विषय और और ६४ कलाएँ - आज के जीवन के लिए उपयोगी शिल्प, कौशल और कलाओंका वर्णन करती है ।
महत्वपूर्ण
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अपने प्रवेश की पुष्टि करने के लिए "Apply Now" पर क्लिक करें और फॉर्म के साथ भुगतान जमा करें।
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दुनिया भर के छात्र इस कोर्स में शामिल हो सकते हैं ।
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आप बॅंक खाता अथवा ऑनलाईन राशि का भुगतान कर सकते हैं ।
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पंजीकरन के बाद आपको व्हाट्सएप और ईमेल पर बैच विवरण प्राप्त होगा।
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रिफंड पॉलिसी : एक बार भुगतान की गई फीस रिफंड नही की जाएगी । एक अलग कार्यक्रम में स्थानांतरित किया जा सकता है । पंजीकरण से पहले सभी जानकारी और प्रॉस्पेक्टस पढ़ें।
अध्यापक :







